पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
लेते क्यों हर काम में, तुम भारी उत्कोच ?।।
कौन कमी तुम पर कहो, क्यों फैलाते हाथ ?
काहे जोड़-बटोर ये, क्या ले जाना साथ ?।।
फूँक-फूँक रक्खो कदम, काम करो ना नीच।
श्वेतवसन में आपके, लग ना जाए कीच।।
सदुपयोग बल का करो, रोको भ्रष्टाचार।
काम करोगे नेक तो, होगी जय जय कार।।
© सीमा अग्रवाल