पायल सी खनकती रहती है
पायल सी खनकती रहती है
तेरी यादों की
मेरे मन में लेकिन
चुभते हैं उसके घुंघरू
एक शूल से
मेरे तन में
तुझको पाकर यह खोने का अहसास
मुझे तो बहुत नागवार गुजरा
कहने को तो हूं तेरा ही अक्स पर
दर्पण में तेरे बिना
अब मेरा रूप आधा अधूरा और
न पहले की तरह ही चमकता दिखा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001