पायल की झंकार
******* पायल की झंकार *******
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पायल की झंकार बजती गली-गली।
सीने पर करती वार गौरी खड़ी-खड़ी।
रंग की गोरी चाँद-चकोरी क्या कहने,
छैल-छबीली अलबेली दिल के गहने,
फूलों की बहार क्यारी बड़ी हरी-भरी।
पायल की झंकार बजती गली-गली।
जादूगरी की चाल चले वो मस्तानी,
तन-मन महक फैलाये अदा दीवानी,
आँखें होती चार प्यारी सी हवा चली।
पायल की झंकार बजती गली-गली।
सुंदर सूरत मोहिनी मूर्त गजब ढाये,
मस्ती भरे यौवन से कौन हमें बचाये,
है इश्किया बुखार कैसी पवन चली।
पायल की झंकार बजती गली-गली।
चोरी-चोरी देख मनसीरत मुस्कराये,
परियों की रानी है प्रेम वर्षा बरसाये,
छाया इश्क खुमार हालत मरी पड़ी।
पायल की झंकार बजती गली-गली।
पायल की झंकार बजती गली-गली।
सीने पर करती वार गौरी खड़ी-खड़ी।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)