—- पाप किये जा रहा इंसान —
इस धरती पर इंसान पाप
किये ही जा रहा है
न डरता न घबराता
बस पाप किये जा रहा है !!
सारी दरिंदगी की वो
हदें पार किये जा रहा है
इंसान होने के नाम पर
हैवान बने जा रहा है !!
जानता है, समझता है
कहीं से भी अनजान नहीं है
पर न जाने क्यूँ हर दिन
शैतान बने जा रहा है !!
बुरा करेगा तो अच्छा फल
कौन कभी पा सकता है
अच्छे से अच्छे इंसान को भी
आज वो बदनाम किये जा रहा है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ