पापा
कभी सच तो कभी ख़्वाब हैं पापा,
मेरा अभिमान मेरा स्वाभिमान हैं पापा,
माँ अग़र जान हैं मेरी तो,
मेरे जीने का आधार हैं पापा…
कभी गुस्सा तो कभी प्यार हैं पापा,
मेरे चेहरे पर आने वाली मुस्कान हैं पापा,
माँ में अग़र ममता हैं तो,
त्याग का दूसरा रूप हैं पापा…
कभी धूप तो कभी छाव हैं पापा,
मेरे जीवन की सफलता का मंत्र हैं पापा,
माँ अग़र नज़र उतारती हैं तो,
हर बुरी नज़र से बचाते हैं पापा…
पायल पोखरना कोठारी