पापा मेरे भी यारों ___घनाक्षरी
परमपिता है वह सबका ही रखवाला।
हम तुम जिनको कहते भगवान हैं।।
धरा पर जन्म दिया पाला पोसा गोद में भी।
पापा मेरे भी यारों इतने ही महान हैं।।
मुझे गले से लगाते बिठा पास समझाते।
मांगू जो दिलाते मुझपे मेहरबान है।।
पढ़ाया लिखाया मुझे सारा ज्ञान भी सिखाया ।
रास्ता दिखाया सही मेरे घर की शान हैं।।
बस इतना मैं जानता बात उनकी मानता।
तानता नहीं अपनी मुझे यह भान हैं।।
चाहे यहां वहां जाऊं चोट न मैं पहुंचाऊं।
गाऊँ_ गाऊँ गुणगान वे ही मेरा मान है।।
मेरा घर परिवार उनके भरोसे चले।
आगे चले पले बढ़े हाथों में कमान है।।
फिक्र सबकी ही करें हरे अभाव सारे ही ।
प्यारे प्यारे पापा जी को होती ना थकान है।।
जब जब घर आए खाली हाथ नहीं आए।
कुछ न कुछ ले आते उन्हें यह भान हैं।।
बेटे बेटी मेरे पढ़े सदा ही तो आगे बढ़े।
अच्छे सच्चे शिक्षकों से दिलाते ज्ञान है।।
करता है परेशान जो कोई अपने पिता को।
नजरों में वह मेरी बड़ा ही नादान है।।
आओ वादा करें आज पिताजी पे करे नाज।
ताज है शीश का न करना अपमान है।।
राजेश व्यास ” अनुनय”
नगर _ बोड़ा तहसील _ नरसिंहगढ़
जिला _ राजगढ़ मध्य प्रदेश
8823815691