पापा (पितृदिवस पर)
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हे ईश्वर तेरा मैं ध्यान करूँ।
मैं अपने पापा का गुणगान करूँ।
इस पितृ दिवस के अवसर पर,
मैं दोनों पिता को याद करूँ।
एक जन्मदाता किया कन्यादान,
एक मन आँगन में दिया स्थान।
एक पालन – पोषण दिया संस्कार,
एक गुण-अवगुण को किया स्वीकार।
एक उँगली पकड़कर बड़ा किया,
एक ने प्यारा पिया दिया।
दोनों ही मेरे लिए महान,
जीवन राह में दिव्य ज्ञान।
दोनों की लम्बी आयु बढ़े,
सदा ही इनकी छत्रछाया मिले
????—लक्ष्मी सिंह ?☺