पापा तुम तस्वीर मे रहते हो
कहते है पापा घर मे रहते है
पर वो कमरे मे नही तस्वीरो मे रहते है
अक्सर उनके साए से बात कर लेता हूं
चुपचाप उन्हे अपनी आगोश मे भर लेता हूं
बिखर जाता हूं एक पल मे ही
उनके सीने से लिपट कर
रो लेता हूं चुपचाप उनकी तस्वीर को पकड़़ कर
क्यूं पापा अब सिर पर हाथ नही फेरते
क्यूं मुझे किसी बात पर नही टोकते
क्यू पापा तुम दूसरे जहॉ मे जा बसे
क्यू पापा तुम इस घर मे नही रहते
सचमुच पापा .. तुम तस्वीर मे रहते हो
क्यू पापा क्यू तुम तस्वीर मे रहते हो