पापा कोई आपसा नहीं
पापा कोई आपसा नहीं
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पापा सारे जहां में आपसा कोई नहीं,
तपते हो हम बच्चों के लिए यह है सही
कभी नहीं थकते सदा मुस्कुराते हो,
अपनी ताकत हम बच्चों में ढूंढ़ते हो।
हम सबको वो हर सुख देते हो,
कष्टों को खुद पीकर,
सबको खुश देखते हो।
आप कितने अच्छे हैं आपसा कोई नहीं
हम सभी को देकर सुख,
अपनी कोई परवाह नहीं।
सारे जहां में आपसा कोई नहीं—–
हम बच्चे जब जब थक जाते,
साहस तुम ही बंधाते ।
देकर हिम्मत हम सबको,
आगे बढ़ने का ज्ञान देते।
पापा सारे जहां में आपसा कोई नहीं–
बचपन में पाला है फूलों सा,
कांटा भी न चुभने देते ।
कोई भी पीड़ा होती आप सारा,
दुःख हर लेते ।
पापा तुम हम सबकी जान हो,
हम बच्चों की शान हो ।
कोई शब्द नहीं आपके लिए !!!
पापा तुम बहुत ही अतुल्यनीय
अच्छे हो ।।
सारे जहां में आपसा प्यार करने
वाला कोई नहीं ———–
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर