पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
उनकी मेहनत है, जो हर किसी को गर्वित करती है।
55 साल के होने पर भी, वे अथक और उत्साही,
कड़कती धूप में, करते हैं अपने कार्य में मेहनत बिना किसी शिकायत के।
बादल बरसते हैं, पानी गिरता है भूमि पर,
लेकिन वे नहीं रुकते, अपने सपनों की ओर बढ़ते रहते हैं बहुत ही तेज़ी से।
बच्चों के लिए, वे हैं एक प्रेरणा स्रोत,
पेट पालने के लिए, करते हैं बेहद मेहनत, नाना या दादा के रूप में, उनका योगदान होता है इसी होती सच्ची मेहनत।
पापा, आपका संघर्ष और मेहनत का जादू,
हम सबको गर्व है आप पर, आपके साथ है हमारा आभार।