पापा करते हो प्यार इतना ।
पापा तुम मुझको,
इतना प्यार करते हो,
मम्मी से भी ज्यादा,
मेरा ध्यान रखते हो ।
दिन-दिन भर मेहनत करके,
मेरी जिद पर खिलौना लाते हो,
मेरे रूठ जाने पर तुम,
अपनी गाढ़ी कमाई लुटाते हो ।
चलने पर अगर गिरने लगता,
उंँगली झट से थाम लेते हो,
थक ना जाए मेरे नन्हें पैर,
अपने कंधों में बैठाकर घुमाते हो ।
इतना लाड-प्यार दिखाते हो ,
मेरी शरारत पर मुस्कुराते हो ,
अगर नजरों से ओझल हो जाऊंँ,
घर पर सब की डांँट लगाते हो ।
यदि आती कोई मुसीबत पास ,
आप ही रक्षक बन जाते हो ,
कहीं काट न ले एक मच्छर ,
खुद की नींद गवाँते हो ।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ।