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14 Jun 2023 · 2 min read

पानी है अनमोल

घर के घड़े खाली हैं, सरोवर सूखे हैं
कुंआ सूखा है, नल भी न गीला है
रेल गाड़ी आती है, टैंकर आता है
आकर पानी दे जाता है, जब मन होता है
क्योंकि वे मनमौजी हैं, थोड़ा फ़ौड़ी है
कभी पानी नहीं, कभी गाड़ी नहीं
कभी चालक नहीं, कभी अधिकारी नहीं
कभी आदेश नहीं, कभी अनुदेश नहीं
एक शहर नहीं, एक गॉव नहीं
कभी प्रतीक्षा, कभी परीक्षा
जैसी हो उनकी या कुदरत की इच्छा
लोटे में थोड़ा पानी है, लगी प्यास जोरों की है
तुरंत हलक से उतार ले सारे या मरने का इंतजार करें
लेकिन थोड़ा तो पीना है, थोड़ा ही सबको पीना है
यदि मैं ही सारा पी लूंगा, और लोग पिएंगे क्या ?

संसार बनाने के पहले, ईश्वर ने विचार किया :
एक भाग थल के लिए, तीन भाग जल बनाया.
वे जानते हैं, पानी का महत्व और इसकी आवश्यकता
कोई करताहै नादानी, कोई करता है मनमानी
ब्यर्थ ही बहाता है पानी, न करता जरा भी आनाकानी
आखिर पानी अनमोल है, बून्द बून्द का मोल है
माँ अधिक पानी से नहाती है
दादी बार बार पैर धोती है
दीदी कई – कई बार कपड़े खंगालती है
पानी बचाने के लिए भैया
कई – कई दिन बाद नहाते है
बच्चों का क्या, मना करों, मानते नहीं
मुँह धोते हैं, धोते ही रहते हैं
अक्सर नल खुला छोड़ देते हैं
फ़िल्टर /कैंट को बंद करना भूल जाते है
फिर पानी बचेंगे कैसे?
हम बचेंगे फिर कैसे?
धरती बचेगी फिर कैसे?

आओं कुछ सोंचे, आओं कुछ बिचारें
हम सुधरेंगे, तभी सुधारेंगे
बच्चों को गलतियां बताएं
न डांटे, न मारे, न बारम्बार कोसे
समझायें पानी का महत्व
समझायें पानी की आवश्यकता
तभी वे शिक्षित होंगे, प्रशिक्षित होंगे
उनके कदमो में दम होगा
हर समस्या का कोई न कोई हाल होगा
एक नया कल होगा.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@रचना – घनश्याम पोद्दार
मुंगेर

Language: Hindi
128 Views
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