पानी याद दिला रहा नानी
पहले नदी पहाड़ खेल था
पर अब है क्रिकेट
स्टेच्यू और चूहा बिल्ली,
सब चढ़ गए इसकी भेंट।
पहले पानी भू तल पर था,
अब हुआ है कोसों दूर,
पेड़ कटे,फल ये पाया
गर्भ में पानी न भरपूर।
पानी का न मोल जगत में
जल तो है अनमोल।
प्यासा कंठ है लाखो का
अब जाने इसका मोल।
आधुनिकता की अंधी दौड़ में
फंसी आज सारी दुनिया
सहज मिला न पानी पीने
प्यासी ही मर गई मुनिया।
कूप खनन है ,अपने बस में
पर पानी की न गारंटी,
जाने इसको हम सभी,
चिंटू,मिंटू और बंटी।
अपव्यय रोके जल का मिलकर
पानी की न होड़ करें।
बचा सके तो बूंद बचाएं
इसको भू की की गोद रखें।
रहीम तो पहले ही कह गए
बिन पानी सब सून है।
इसके बिन उबर न पाए,
मोती, मानुष,चून है।
मई में ये हाल हैं
अभी तो बाकी जून हैं,
समझो मोल सभी पानी का,
पानी है तो खून हैं।