पानी नही नसीब
सुनकर ऐसी बात ही, लगता बड़ा अजीब !
अबतक भी पानी नहीं,सबको स्वच्छ नसीब!!
बीते सत्तर साल से,..ठोक रहे हैं ताल!
पीने का पानी मगर,अब भी लगे मुहाल!
सरकारें बदली कई,….बदले कई वजीर!
पीने का सबको मिला,कहाँ स्वच्छ पर नीर! !
रमेश शर्मा.
सुनकर ऐसी बात ही, लगता बड़ा अजीब !
अबतक भी पानी नहीं,सबको स्वच्छ नसीब!!
बीते सत्तर साल से,..ठोक रहे हैं ताल!
पीने का पानी मगर,अब भी लगे मुहाल!
सरकारें बदली कई,….बदले कई वजीर!
पीने का सबको मिला,कहाँ स्वच्छ पर नीर! !
रमेश शर्मा.