Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2023 · 1 min read

पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है

पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
मानो है हवा सुब्ह की हाँ इतनी हसीं है

बर्बाद लगे ताजमहल सामने उसके
इक बार ज़रा सोचो कि वो कितनी हसीं है

वो सबसे अनोखी है वो है सबसे निराली
पूनम के हसीं चाँद के ही जितनी हसीं है

बरसात की छम-छम से बने गीत से ज़्यादा
दीवाने उसे सुनते है वो इतनी हसीं है

इक उम्र में तफ़्सील कभी हो नहीं सकती
मैं कैसे बताऊँ कि सनम कितनी हसीं है

पाने को उसे मौत भी मंज़ूर है सबको
वो हुस्न की मूरत हाँ सुनो इतनी हसीं है

– जॉनी अहमद क़ैस

Language: Hindi
94 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
दादी...।
दादी...।
Kanchan Alok Malu
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
शेखर सिंह
*इश्क यूँ ही रुलाता है*
*इश्क यूँ ही रुलाता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*दिवस विशेष*
*दिवस विशेष*
*प्रणय*
यूँ मिला किसी अजनबी से नही
यूँ मिला किसी अजनबी से नही
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
अवसर आया है अभी, करें रक्त का दान
अवसर आया है अभी, करें रक्त का दान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
VINOD CHAUHAN
"एक सुखद एहसास है मां होना ll
पूर्वार्थ
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
- दिया लेकर ढूंढोगे पर मेरे जैसा तुम्हे ना मिले -
- दिया लेकर ढूंढोगे पर मेरे जैसा तुम्हे ना मिले -
bharat gehlot
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ताजमहल
ताजमहल
Juhi Grover
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद
पुछ रहा भीतर का अंतर्द्वंद
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी)
प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी)
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
आज कहानी कुछ और होती...
आज कहानी कुछ और होती...
NAVNEET SINGH
बदसलूकी
बदसलूकी
Minal Aggarwal
झुंड
झुंड
Rekha Drolia
जीवन
जीवन
Neelam Sharma
बचपन
बचपन
Vivek saswat Shukla
- क्या खाक मजा है जीने में।।
- क्या खाक मजा है जीने में।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन की विफलता बनती है सफलता ।
जीवन की विफलता बनती है सफलता ।
Dr fauzia Naseem shad
गणपति वंदना
गणपति वंदना
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...