पाती
पाती
वो आँखों से झरती है
जब कह नही पाती
मन की पाती,
गालों पर लुढ़कती
रह जाती है
मन की पाती,
तुम सुन नहीं पाते
वो कह नहीं पाती,
वो जो एक बात है
अनकही है रह जाती,
आँखों से झरती है
नैनों की पाती,
तुम जो समझ पाओ
तो वो सुख पाती ….
Padmaja Raghav