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26 May 2024 · 1 min read

पाती

पाती

वो आँखों से झरती है
जब कह नही पाती
मन की पाती,

गालों पर लुढ़कती
रह जाती है
मन की पाती,

तुम सुन नहीं पाते
वो कह नहीं पाती,
वो जो एक बात है
अनकही है रह जाती,

आँखों से झरती है
नैनों की पाती,
तुम जो समझ पाओ
तो वो सुख पाती ….

Padmaja Raghav

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