हमसफर
हमसफर
प्रेम की सीढ़ी
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ
बन जाती हर बात
पूरी होती आस।
सुख में मैं चहकूँ
दुख भी सह जाऊँ
धूप छाँव जीवन के
एक भाव जी जाऊँ।
बस…..
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ।
कुछ अपनी कहूँ
कुछ तुम्हारी सुनू
राज हर तुम से खोलूँ
विश्वास का बीज बोलूँ
बस…..
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ।
साथ तुम्हारा है सब से प्यारा
शायद दुनिया में सबसे न्यारा
हर रिश्ता है अब तुम से बाद
न रखूँ किसी से कोई आस
बस……..
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ
नीरजा शर्मा