पागल लड़की~6
एक पागल सी लड़की थी
जो पागल की दीवानी थी
कर कुर्बान हर सांस उसे
अब खुद से ही बेगानी थी
ना हीर रही ना लैला वो
ना सोनी की महीवाल रही
वो पास जो आई, गले मिली
और बाहों में खुशहाल रही
एक दूजे में थी दुनियाँ उनकी
मोहब्बत ना जिस्मानी थी
इत्ती पागल लड़की थी
बस पागल की दीवानी थी
वो दूर हुए तो टूट गई
एक बात अधूरी छूट गई
मालूम था ‘शायर’आयेगा
सो हंसते हंसते रूठ गई
पर था ‘शायर’ मजबूर बहुत
ना कोई झूठ कहानी थी
वो इत्ती पागल लड़की थी
जो ‘शायर’ की दीवानी थी
… भंडारी लोकेश ✍️