पागल दिल
कभी तो इस दिल का हद से ज्यादा धड़कना
फिर कभी सांसों का भी यूं ख़ामोश हो जाना
समझ नहीं आता क्या है बेदर्द दिल का इरादा।।
पर तेरे दीदार से आता आंखों को जो सुकून है
शायद दिल को भी यही मंज़ूर है।।
हंस ~हंस कर तेरा यूं बात करना
हाय आहिस्ता से यूं मुस्कुराना
दीवाने दिल को कर दे न कहीं पागल
बस इसी बात का डर है ।।
✍️ रश्मि गुप्ता @ Ray’s Gupta