Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2023 · 1 min read

*पाँच दोहे (कृपा करें जगदीश)*

पाँच दोहे (कृपा करें जगदीश)
■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
भले मिले ऊँचा महल, ऊँचा पद-सम्मान
देव! मगर देना नहीं, थोड़ा-भी अभिमान
(2)
कभी पड़ी गर्मी विकट, कभी विकट बरसात
कभी पड़ा जाड़ा-महा, ऊँच-नीच दिन-रात
(3)
भरी मलिनता दिख रही,निश्छल कब मुस्कान
तुझे मनुज कैसे मिले, ईश्वर का वरदान
(4)
मिला कभी अपयश कभी,पाया यश-विस्तार
जब उसने जो दे दिया, उसको सौ आभार
(5)
चाहे जो वरदान दें, कृपा करें जगदीश
तुझमें सौ अवगुण भरे, नत ही रहना शीश
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.)
मो.9997615451

Language: Hindi
188 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
Iamalpu9492
संबंध क्या
संबंध क्या
Shweta Soni
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
जिस  से  पहचान मेरी  हो जाए
जिस से पहचान मेरी हो जाए
Dr fauzia Naseem shad
मैं दिन-ब-दिन घटती जा रही हूँ
मैं दिन-ब-दिन घटती जा रही हूँ
Kirtika Namdev
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मानव जीवन की बन यह पहचान
मानव जीवन की बन यह पहचान
भरत कुमार सोलंकी
" हकीकत "
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क भी बेरोजगारी में होता है साहब,नौकरी लगने के बाद तो रिश्
इश्क भी बेरोजगारी में होता है साहब,नौकरी लगने के बाद तो रिश्
पूर्वार्थ
ब निगाहें करम मुस्कुरा दो तुम(नज़्म)
ब निगाहें करम मुस्कुरा दो तुम(नज़्म)
Dushyant Kumar Patel
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
HEBA
प्रकृति
प्रकृति
Mangilal 713
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
जब आप किसी में कुछ अच्छा देखते हैं तो उन्हें बताएं, यह कहने
जब आप किसी में कुछ अच्छा देखते हैं तो उन्हें बताएं, यह कहने
ललकार भारद्वाज
मन
मन
MEENU SHARMA
अब जाग उठो
अब जाग उठो
Neha
एक चींटी
एक चींटी
Minal Aggarwal
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
Abhishek Soni
नसीबों का खेल है प्यार
नसीबों का खेल है प्यार
Shekhar Chandra Mitra
हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर
हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर
Rj Anand Prajapati
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पर्दा खोल रहा है
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
दोस्ती कर लें चलो हम।
दोस्ती कर लें चलो हम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
कजलियों की राम राम जी 🙏🙏🎉🎉
कजलियों की राम राम जी 🙏🙏🎉🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नित नित पेड़ लगाता चल
नित नित पेड़ लगाता चल
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
खेल
खेल
राकेश पाठक कठारा
भजन -मात भवानी- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
भजन -मात भवानी- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
Loading...