पाँचवा साल
आगया साल है पाँचवा जानिए
छा रहा है सहज मेघ ये मानिए
बूँद दो भी बरस के न जाएगा ये
मोर के जैसे शोर को जानिए
घर बनेगा उन्ही का हकीकत यही
पैर के नाप की ही चद्दर तानिए
भूल जाएगे वो तुझको दान को
बेवफा था सनम ज्यूँ उसे जानिए
और बाते बनाना उसे आ रहा
शोषको की कतारों खड़ा जानिए
राजनीती यही है न कोई सगा
आतंको की गढ़ी है पहिचानीए