पहले सा मौसम ना रहा
अब धरती पर गर्मी बढ़ रहा
पहले सा मौसम ना रहा
जो पेड़ था उसका फल खा रहा
पेड़ लगाने की फुर्सत ना रहा
अब कह रहा की मौसम बदल रहा
अब धरती पर गर्मी पड़ रहा
पहले सा मौसम ना रहा
हमने धरती को दे क्या रहा
प्लास्टिक का ढेर लगा रहा
पेड़ को काटकर घर बना रहा
जनसंख्या को बढ़ा रहा
जंगल साफ कर रहा
अब कह रहा की मौसम बदल रहा
अब धरती पर गर्मी पड़ रहा
पहले सा मौसम ना रहा
सुशील कुमार चौहान
फारबिसगंज अररिया बिहार