*पहले प्रीति जगाओ (मुक्तक)*
पहले प्रीति जगाओ (मुक्तक)
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कहा उपनिषद ने यह हमसे, पहले प्रीति जगाओ
आत्मज्ञान की बात बाद में, सीखो और सिखाओ
नचिकेता का यही प्रथम वर, पिता मुदित हो जाऍं
उनके मन में भरे क्रोध को, हे यमराज मिटाओ
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451