पहले आसमाॅं में उड़ता था…
पहले आसमाॅं में उड़ता था…
अब पैर जमीं पर ही रखा हूॅं!
पहले पंख खूब फड़फड़ाता था…
अब पंखों को समेट कर रखा हूॅं!!
…. अजित कर्ण ✍️
पहले आसमाॅं में उड़ता था…
अब पैर जमीं पर ही रखा हूॅं!
पहले पंख खूब फड़फड़ाता था…
अब पंखों को समेट कर रखा हूॅं!!
…. अजित कर्ण ✍️