पहली फुहार ..( कविता )
पहली फुहार ( कविता )
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पहली फुहार बारिश की आई ।
बगियाँ पर हरियाली छाई ।।
बहता पानी कल कल कल ।
नन्हें भागे हो हलचल ।।
झूम उठे बाहों के झूले ।
बच्चों संग हम सब कुछ भूले ।।
इठलाती कागज की कश्ती ।
याद आई बचपन की मस्ती ।।
बादल बहराइच झर झर झर।
मेंढक बोले टर टर टर ।।
बूंदें कैसी चमक रही है ।
मोती जैसे चमक रही है ।।
रंग बिरंगे छाते देखो ।
पक्षियों की बारातें देखो ।।
मोर नाचते घूम-घूम। कर ।
चिड़िया गाए झूम झूम कर ।।
गरजे बादल अब घनघोर ।
झन झन झन झींगुर का शोर ।।
बारिश हो जाए ऐसी रोज़ ।
हो जाए हम सब की मौज ।।
डॉ. किरण पांचाल ( अंकनी )