Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

पहला लोटा शौच का

शौचालय से हो रहा है पानी का नाश|
जल ही जीवन है,सबको है विश्वाश||

पहला लोटा शौच का,दूजा बुझाये प्यास|
एक बाल्टी पानी मे, कपड़े फसक्लास||

पानी पानी सब कहते है पानी से सब आस|
विन पानी सब सून है तन है खाली लास||

नदी बेचारी सूख गई,बर्षा पर विश्वास |
जीव जॉतु पशु मोर पपीहा,सब लगाये आस||

नोट बंदी ने ले लई है रे सबकी जान |
कछु दिना मे मोदी जी ने कर दओ है कल्यान||

Language: Hindi
10 Likes · 620 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पल  दो  पल ठहर तो सही*
*पल दो पल ठहर तो सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
शेखर सिंह
यादों की तेरी ख़ुशबू,
यादों की तेरी ख़ुशबू,
Dr fauzia Naseem shad
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
Ravi Prakash
राष्ट्र-मंदिर के पुजारी
राष्ट्र-मंदिर के पुजारी
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
"कयामत किसे कहूँ?"
Dr. Kishan tandon kranti
सपने कीमत मांगते है सपने चाहिए तो जो जो कीमत वो मांगे चुकने
सपने कीमत मांगते है सपने चाहिए तो जो जो कीमत वो मांगे चुकने
पूर्वार्थ
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
ख्याल........
ख्याल........
Naushaba Suriya
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
पहला खत
पहला खत
Mamta Rani
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*कोपल निकलने से पहले*
*कोपल निकलने से पहले*
Poonam Matia
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
आहत हूॅ
आहत हूॅ
Dinesh Kumar Gangwar
छल करने की हुनर उनमें इस कदर थी ,
छल करने की हुनर उनमें इस कदर थी ,
Yogendra Chaturwedi
3638.💐 *पूर्णिका* 💐
3638.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
कवि रमेशराज
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
.
.
*प्रणय*
हाइकु-गर्मी
हाइकु-गर्मी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जी आजाद इस लोकतंत्र में
जी आजाद इस लोकतंत्र में
gurudeenverma198
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...