पहला प्यार
जैसे ही मैं बईक पर सवार होकर घर से निकला
गली के नुक्कड़ पर एक जानी पहचानी आवाज आयी
रुको राज ,कहाँ जा रहे हो•••?
आवाज सुनते ही मैं रुकने पर मजबूर हो गया
राज हां यही वो नाम है, जिसे मैने सम्भाल कर रखा है
ये नाम भी उसी की देन है ।
उसकी शादी के तीन साल बाद उसको देख रहा था
वो मुस्कराती हुई मेरी तरफ आई और,
जैसे ही उसने मुझे हाय बोला, गली से गुजरते हुए एक
लड़के के पाँव थम गए
और इस तरह देखने लगा जैसे उसका कुछ गुम हो गया हो
और उसका गुम हुआ सामान हमें मिल गया हो जैसे
उसने उस लड़के को नजर अन्दाज करते हुए कहा
कैसे हो राज •••?
मैं कुछ कहता उससे पहले ही उसने दूसरा सवाल मिसाईल की तरह छोड़ा।
किसे दिल में बसा रखा है•••?
और ये क्या हालत बना रखी अपनी•••?
उसका ये सवाल मुझे अन्दर तक झन्झोड़ गया।
मैं अपने सुखे होठों पर जीभ फेरता हुआ,बस इतना ही कह पाया ••••
क्या तुम पूछ रही हो ये सवाल मुझसे •••?
इतना कहकर मैं आगे बढ़ गया एक अनजाने सफर की और ।
राज स्वामी