*पहने कपड़े मॉंगकर, अचकन साड़ी सूट (हास्य कुंडलिया)*
पहने कपड़े मॉंगकर, अचकन साड़ी सूट (हास्य कुंडलिया)
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पहने कपड़े मॉंगकर, अचकन साड़ी सूट
शादी में चलता यही, शादी में सब छूट
शादी में सब छूट, मॉंगकर क्या शर्माना
मॉंगे की है शान, मॉंग पर टिका जमाना
कहते रवि कविराय, पड़े ताने तब सहने
गए पड़ोसी जान, अमुक के कपड़े पहने
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451