Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2022 · 2 min read

“पहचान”

“पहचान”
======

शुरू होती जब कभी कोई नई कहानी ,
सभी पात्रों को पड़ती है पहचान बतानी ।
किरदार तो निभाते सभी उस रंगमंच में…
पर अहम वो हैं जिसने पहचान बना ली ।।

“पहचान” शब्द का अर्थ बड़ा व्यापक ,
शब्द सीमाओं तक ये सीमित ना होती।
वो मानव-काया किसी काम का नहीं ,
आत्मा जिस तन का साथ छोड़ देती ।।

बड़ी मशक्कत से कोई पहचान बनाता ,
जो मनुज को इक ख़ास मुकाम दिलाता ।
पहचान जब ना रह जाए किसी जन का ,
तो ज़िंदगी उसका यूॅं गुज़र जाए व्यर्थ का ।।

दो वक्त की रोटी तो कोई भी कमा लेता ,
उसी में परिवार का गुजर-बसर कर लेता ।
पर समाज में जिसकी पहचान ना होती ,
वो इंसान सदैव घूंट-घूंट कर मरता रहता ।।

सत्कर्म से ही किसी की पहचान बन सकती ,
हासिल करने में जिसे लंबी वक्त लग सकती ।
पर ज़िंदगी जीने के लिए पहचान है जरूरी ,
ख़ास पहचान से ये जीवन सुरभित हो उठती ।।

इस विशाल सी दुनिया में कितने हैं हमारे जैसे ,
बिन पहचान के कोई हमें ख़ास तवज्जो न देगा।
ख़ास पहचान से खुद को हम जब सिद्ध कर देंगे ,
तो आमंत्रित कर हमें हर कोई ख़ास स्थान देगा ।।

पहचान के बिना जीवन की नैया ही नहीं चलेगी ,
जैसे पतवार बिना नैया को साहिल नहीं मिलेगी ।
इंसान को यश, वैभव व ख्याति प्राप्त करनी हो ,
तो उसे अपनी इक ख़ास पहचान बनानी ही होगी ।।

पहचान जीवन भर किसी का साथ नहीं छोड़ती ,
जन्म से मृत्यु तक अनवरत ही वो पीछा करती ।
अलविदा कह जाते जब कोई इस दुनिया को….
पर पहचान उनकी इस दुनिया में ही रह जाती ।।

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 30 दिसंबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
?????????

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 589 Views

You may also like these posts

कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
*मेरा सपना*
*मेरा सपना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
ललकार भारद्वाज
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आइना भी अब
आइना भी अब
Chitra Bisht
हे अंजनी सुत हनुमान जी भजन अरविंद भारद्वाज
हे अंजनी सुत हनुमान जी भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
😘मानस-मंथन😘
😘मानस-मंथन😘
*प्रणय*
जीवन का कठिन चरण
जीवन का कठिन चरण
पूर्वार्थ
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Mulla Adam Ali
STAY SINGLE
STAY SINGLE
Saransh Singh 'Priyam'
*Keep Going*
*Keep Going*
Poonam Matia
विचारों की रोशनी
विचारों की रोशनी
Dr. Kishan tandon kranti
इस आकाश में अनगिनत तारे हैं
इस आकाश में अनगिनत तारे हैं
Sonam Puneet Dubey
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
4811.*पूर्णिका*
4811.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
योग
योग
लक्ष्मी सिंह
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
घर - परिवार
घर - परिवार
manorath maharaj
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
RAMESH SHARMA
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
शेखर सिंह
जबसे उनको रकीब माना है।
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सुहाना मंज़र
सुहाना मंज़र
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
Loading...