“पहचान दिलाई हिंदी ने” (कविता)
शीर्षक-“पहचान दिलाई हिंदी ने” (हिंदी कविता)
जिंदगी में गहराते पलों में अपने भी बेगाने हुए
हिंदी भाषा के जुनून से फिर मैदान में खड़े हुए
शिक्षा से नौकरी तक सखी बनी हिंदी भाषा
पूरी हो रही लेखन की अधुरी रही अभिलाषा
कुछ ने हमें याद किया तो कुछ ने हमें भूला दिया
साहित्य पीड़िया हिंदी मंच पर हिंदी सखी ने नवीन सखियों संग जोड़ दिया
रंग-बिरंगी साहित्यिक दुनिया ने आत्मविश्वास का कराया एहसास
मेरा इंद्रधनुषी सतरंगी रंगों से सजा लेखन इस मंच से ही हुआ खास
नोटिंग-ड्राफ्टिंग से लेखन के सफर तक साथ निभाया हिंदी ने
रंगमंचों की सखियों संग दिलों को जोड़ती पहचान दिलाई हिंदी ने
आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल