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12 Nov 2019 · 1 min read

पहचानो तुम मन की शक्ति

सृष्टि की अंधी दौड़ भाग
जीवन में लगी हुई आग
हो तुम मानव मन की प्रीत
रच लो मौन राग का गीत
छोड़ो झूठी यह आसक्ति
पहचानो तुम मन की शक्ति

मन की बन जाओ तुम जीत
मौन रागों का रचो गीत
निर्बल .का तू बन आधार
पहचान बनो तुम साकार
छोड़ दो व्यर्थ की अनुरक्ति
पहचानो तुम मन की शक्ति

दुखियों के नैनो का नीर
जानों औरों की तुम पीर
तुम मरहम बनो नहीं तीर
न बनो बाटती जो लकीर
मानवता की ही हो भक्ति
.. पहचानो तुम मन की शक्ति

Language: Hindi
256 Views
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