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10 Jul 2021 · 1 min read

पशु और इंसान में अंतर

हम पशु ही सही ,
मगर इंसानों से अच्छे हैं।
हम बेजुबान है मगर ,
दिल की जुबान समझते है।
हमारी समझ भले विस्तृत न हो ,
हम भावनाओं को समझते हैं ।
इंसान उलझे रहते है रिश्तों के भंवर में,
मगर कितने निभा पाते है।
हमारी दुनिया में एक मित्रता ही है बस,
जिसे दिल से हम निभा लेते हैं।
इंसानों ने भौतिक उन्नति बहुत की ,
मगर ईमान से गिर चुके हैं।
हम ने कोई उन्नति नहीं की ,
जहां थे वही खड़े है ।
मगर ईमान अब भी हम रखते हैं।
इंसान दीर्घायु पाकर भी खुश नहीं,
और हम अल्पायु से ही खुश रहते है।
क्योंकि हमारी कोई ख्वाइश नहीं,
कोई सपने या चाहत नहीं ,
इंसान अनगिनत ख्वाइशें और सपने,
जीवन में पालते हैं।
हमारी तो जरूरतें भी बहुत सीमित है ,
और इंसान अपनी बेशुमार जरूरतें में,
उलझे रहते है।
इसीलिए इंसान इंसानियत भूल कर
पशुत्व धारण कर बैठा।
मगर हम पशु होकर भी इंसानियत रखते है।
इंसान ने खुद गर्ज होकर खुदा को ही
भूल गया।
और हम अब भी खुदा के करीब हैं।
हमें चाह नहीं मुक्ति की भी ,
ईश्वर हमें हर जन्म में पशु ही बनाए ,
बेशक अपने करीब रखे ।
क्योंकि हम पशु बनकर ही खुश हैं,
हम इंसान बनने की चाह नहीं रखते हैं।

Language: Hindi
4 Likes · 6 Comments · 637 Views
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