पवित्र मन
समर्पण का मन होता, सामने जब अद्भुत गुण होता।
कभी किसी के जाने के बाद, समर्पण का भाव उमड़ता,
मन खुद ही प्रेम से समर्पण कर देता।
समर्पण धन शक्ति से, नशा करवाता अय्याशी से।
पवित्र मन होगा, जब समर्थन दिल के करीब होगा, फिर प्रकृति का आंचल संग होगा।
कार्यक्षेत्र में सदाबहार, अगर समर्पण का होगा भाव।
माता-पिता अपना परिवार यारों को समर्पण करके, तूने पाया, सबका प्यार।
ईश्वर समर्पण ने किया, दुनिया में तेरा उद्धार।