【8】 पवन के रूप
मन्द पवन का आना जाना, मन को मधुर एहसास कराना
नीरसता में उमंग का आना, हवा का देखो ताना – वाना
मन्द पवन का …………….
{1} आता जब बारिश का मौसम, हवा का रूप बदलते जाना
शीतल जल की लिये फुहारें, शीतलतामय पवन का आना
भीगे से कपडों में जो था, फिर से उसे भिगाते जाना
मन्द पवन का ……………
{2} गर्मी का जब आता मौसम, पवन बने तब आग समाना
धूल भरी लूऐं चलती हैं, नभ भी अंगारे वर्षाता
तपती जलती रहती धरती, तब जन – जीवन व्याकुल हो जाना
मन्द पवन का …………….
{3} शीत ऋतु का आया मौसम, हवा ने पहना बर्फ का वाना
हुई कड़ाके की ठंड चहुँ दिस, शीत लहर बन हवा का आना
तन में ठिठुरन बढ़ती जाती, कोहरे का कोहराम मचाना
मन्द पवन का ……………
{4} प्यारी लगे बसन्त सभी को, वृक्षों पे नई कोपलें आना
ठंडा – गर्म सा रहता मौसम, सबके लिए खुशियाँ बरसाना
कहे बसन्त सभी लोगों से, खुश रहो खुशियों से दूर न जाना
मन्द पवन का…………….
सीखः- प्रकृति हमें हर रोज खुशियों का तोहफा लेकर के आती है। हमें उसे स्वीकार करना चाहिए।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599