पवनसुत
सिया-राम के असीम स्नेह की
पुत्रवत प्रेम की धार पवनसुत
भक्त वत्सल करुणानिधान के
करुणा के मुक्ताहार पवनसुत
शत्रु समक्ष… युद्ध कौशल में दक्ष
रघुपति की ललकार पवनसुत
भक्ति के अभिव्यक्ति की शक्ति के
प्रथम पूज्य आधार पवनसुत
रघुपति के हिय में हैं बसते
भरत के सम प्रिय यार पवनसुत
राम की शक्ति से अभिसिंचित
कायामय और निराकार पवनसुत
निज भक्तों पर कृपा बरसाते
हर क्षण रहते हैं मयार पवनसुत
जो पूर्ण हृदय से ध्यान करे
उनपर सर्वस्व न्योछार पवनसुत
– सिद्धार्थ गोरखपुरी