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26 May 2023 · 1 min read

पल में ढलता पल

पल में ढलता पल
मात्र कुछ ही पलों का अंतर
देखो कितना हो जाता है भावन्तर

कल्पना करो साल का अंतिम दिन
31 दिसंबर जैसे शरीर हो जीवन बिन

निढाल, बेजान थका-थका सा
घड़ी का आंकड़ा जैसे रुका सा

लेखा साल भर की कमियों का सालम
चारों तरफ माफी मांगता सा आलम

दूसरा ही पल 1 जनवरी नए साल का
उत्साह से भरपूर जज्बातों के उछाल का

सब कुछ भूल कर उत्साहित होने का दिन
साल भर के लिए नए सपने संजोने का दिन

संकल्प फिर नए बन कर जहन में आते हैं
जो गत वर्ष में पूरे होने से रह जाते हैं

1 Like · 250 Views
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