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1 Jan 2023 · 1 min read

पल पल बदल रहा है

क्षण क्षण क्षरण हो रहा समय,पल पल वीत रहा है
विक्रम शक निर्वाण सालदर,संवत वीत रहा है
बंगला हिजरी ईसा सन,साथ समय के वीत रहा
घड़ी प़हर दिन मास साल , जीवन रीत रहा है
खोजें अंतस में स्वयं को, कैसे जीवन वीत रहा है
सम और विषम परिस्थिति में, स्वधर्म ही मेरा जीत रहा है
इक्कीसवीं सदी का बर्ष बाइसबां, घड़ी विदा की आई
च्वाइस पूरी करने को,सन तेईस की मंगल वेला आई
नहीं निरर्थक जाए साल,सबको शुभ हो जाए
सार्थक हो जीवन सबका, दुनिया का मंगल हो जाए
सन २०२३ मंगल कामनाएं सभी को सादर अभिवादन 🙏🎉

Language: Hindi
3 Likes · 238 Views
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