पल पल का आनंद लूट
बीत गया सो बीत गया, जो बीत गया सो बीत गया
रीत गया सो रीत गया, जो जीत गया सो जीत गया
बचा हुआ तो बाकी है, यह छूट न जाए साकी है
पल पल का आनंद लूट, जीवन जितना बाकी है
छलक न जाए मय पलपल का,
प्याला सजग पकड़ना साकी है
पल पल का आनंद लूट, यह प्रेम प्याला जाए न छूट
छक कर पी गहराई रात, रह न जाए अधूरी बात
बची हुई सांसे जीवन की, अपने सपनों में ले ले
प्रीत की रीत निभा ले साकी, प्रेम का तू अमृत पी ले
कुछ दौर अभी तो बाकी है, अंतिम पल तक साकी है
पल पल का आनंद लूट, जितना जीवन बाकी है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी