पल को ना भूलो
पल को ना भूलो पल में,
पल को ना भूलो पल में,
किसी पल तुम अदृश्य रूप l
तो किसी पल में सूक्ष्म रूप l
और किसी पल में प्रकट रूप
तो रूपों का परिवर्तन पल में,
पल में रूपों का विनाश l
पल को न भूलो पल में ll
पल में तुम जीते जग को,
पल में हार गए सबको ,
पल में तुमने सब कुछ पाया l
पल में हार गए जग को l
पल में अपनी सब शक्ति को,
पल भर तुम को संभाल l
फिर लक्ष्य साधकर पल भर में ही l
प्रकट करो अपने बल को,
प्राप्त करोगे तभी पल में,
जब पल न भूलोगे पल में ll