” पलटवार “
” हैलो…हैलो भाभी मैं मीनल…आवाज आ रही है ना ? ”
” हाँ मीनल आ रही है कैसे हो तुम सब ? ”
” हम सब ठीक हैं भाभी आपके लिए एक खुशखबरी है हम सब परसों आपके पास आ रहे हैं । आपको तो इनके खाने की पसंद पता ही है सब बना कर रखियेगा…भाभी आपके हाथ के खाने का जवाब नही और भाभी प्लीज आपने जो – जो अचार डाले हैं वो सब अलग से शीशीयों में निकाल दिजियेगा हमारा पूरा साल आपके अचार पर ही निर्भर करता है , अच्छा रखती हूँ । ”
” हैलो…हैलो मीनल मैं भाभी…आवाज आ रही है ना ? हाँ भाभी आ रही है कैसे हैं आप सब ? हम सब ठीक हैं नन्दोई जी से एक मदद चाहिए इन्हें अचानक से पैसों की ज़रूरत आ गई है । ”
” नन्दोई जी तो इतनी बड़ी पोस्ट पर हैं और तनख्वाह भी बहुत अच्छी है तुमको तो पता है तुम्हारे भईया किसी और से मदद नही लेगें । इनकी इज्जत तुम्हारे ही पैसों पर निर्भर करती है , भाभी…भाभी लेकिन….पानी पी लो मीनल आवाज़ फँस रही है तुम्हारी , अच्छा रखती हूँ । ”
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 15/06/2021 )