पलकों में शबाब रखता हूँ।
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/eff93a07402ee3866514d18ea99db087_2e32e5747b33d77ba048e8a6975d8566_600.jpg)
पलकों में शबाब रखता हूँ।
हाथों में गुलाब रखता हूँ।
चुरा न ले कोई ख़्वाबों को –
ख़्वाबों पे नकाब रखता हूँ।
सुशील सरना
पलकों में शबाब रखता हूँ।
हाथों में गुलाब रखता हूँ।
चुरा न ले कोई ख़्वाबों को –
ख़्वाबों पे नकाब रखता हूँ।
सुशील सरना