पर्यावरण
सोचो जब भी सूरज चाचा आग बबूला हो जाएंगे,
तपिश भरी तब होगी धरती, जीव-जन्तु न बच पाएंगे।
तब धरती को एक सहारा केवल वृक्षों का ही होगा,
वे ही मन्द पवन के झोंकों से शीतलता लौटाएंगे।।
-विपिन शर्मा
सोचो जब भी सूरज चाचा आग बबूला हो जाएंगे,
तपिश भरी तब होगी धरती, जीव-जन्तु न बच पाएंगे।
तब धरती को एक सहारा केवल वृक्षों का ही होगा,
वे ही मन्द पवन के झोंकों से शीतलता लौटाएंगे।।
-विपिन शर्मा