पर्यावरण में मचती ये हलचल
पर्यावरण में मचती ये हलचल,
सुनामी बन कर आती है सागर से,
लील जाने को जीवन।
पर्यावरण में मचती ये हलचल,
महामारी बन कर फैलती बीमारी,
पीड़ा देती जीवन को।
पर्यावरण में मचती ये हलचल,
अकाल बन कर फट जाती धरती,
भुखमरी से तड़पते जन मानस।
पर्यावरण में मचती ये हलचल,
भू-डोल ,भू-स्खलान होते कुछ पल,
भय से जीवन जीते सभी।
पर्यावरण में मचती ये हलचल,
वायुमण्डल का होता क्षरण,
श्वास लेना हो जाता दूश्वार।
कौन है भागीदारी और जिम्मेदार ?
प्रकृति के प्रति और वसुंधरा के खिलाफ,
विचार और क्रियाकलाप में करो सुधार।
बचाओ पर्यावरण,
बचाओ वसुंधरा,
बचाओ प्राणियों का जीवन।
😍 बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।