पर्यावरण दिवस
अगर धरा के पेड़ कट गए,
तुम स्वयं ही कट जाओगे।
फिर इस पर्यावरण को तुम
कैसे उज्ज्वल कर पाओगे।।
सड़क मार्ग चौड़ा करने पर,
हमेशा ही पेड़ काटे जाते है।
इस तरह से हम ही सब लोग
पैरो पर कुल्हाड़ी मारे जाते है।।
मत काटो इन भोले पेड़ो को,
ये तुम्हारे जीवन के रक्षक है।
बंद करो काटने वाली करतूते,
क्यो बनते स्वयं के भक्षक है।।
वृक्ष ही तो मानव के प्राण है,
करते ये सृष्टि का निर्माण है।।
अगर ये सब ही कट जायेगे,
फिर ये प्राण कैसे बच पाएंगे।।
हे! मानव तुम कर लो प्रण,
पेड़ हेतु करो तुम सब अर्पण।
बने जगत का ये अमूल्य धन,
और बने सब हम सर्व सम्पन।।
मनाते है कुछ पर्यावरण दिवस,
केवल जनता को दिखाने के लिए,
हाथो में फव्वारा व पौधे लेकर,
केवल फोटो खिंचवाने के लिए।।
बन्द करो ये सब तुम आडम्बर,
असली मुद्दों पर तुम आ जाओ।
फोटो खिंचवाने कुछ भी न होगा,
केवल हर जगह तुम पेड़ लगाओ।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम