पर्यावरण दिवस
स्वच्छ वातावरण दिव्य पर्यावरण
एक पौधा लगाया मजा आ गया
जब ये पौधा लगाया जो बढ़ने लगा
भावी पीढ़ी का जीवन सवरने लगा
वह रही थी फिजा मे जो दूषित पवन
प्राण वायु समाई मजा आ गया
जेठ बैसाख की गर्मियों मे जो चल
सूर्य के तेज से दिल गया है मचल
तपते धरती गगन, तप रहा तन बदन
पेड़ की छाव पाई मजा आ गया
पानी पानी को तरसे सभी प्राणी जन
सूखे सरिता सरोवर सभी जल सदन
पेड़ की रहमतो से फिर मौसम बना
और पानी गिराया मजा आ गया