पर्दा और इज्जत
दिनांक 5/6/19
बहुत इज्जत
छुपा कर
रखता है पर्दा
चौखट की लाज
रखता है पर्दा
भोपाल का
पर्दा और जर्दा
रखता है
खास अपने में
देहरी पर पर्दा
तम्बाकू का जर्दा
पहचान थी
भोपाल की
लेखक कवियों का
खास विषय रहा है
पर्दा
फिल्मों में खूब
चला है
पर्दा
औरत की इज्जत
पुरूषों पर नकेल
रहा है
पर्दा
पर्दा खुद कहता है
कहानी अपनी
खुद ने झेले हैं
घाव अनेक
पर न आने दी
आँच
पर्दे के पिछवाड़े पर
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल