Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

धरती मां का हम पर कितना कर्ज है।

धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है
————————————-

सोचो तो इस धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है।
और हमारा धरती के प्रति सोचो तो क्या फर्ज है।

हमको धरती से ही जीवन के सब साधन मिलते हैं।
अन्न और जल, वायु आदि सब इसके आँगन मिलते हैं।
लेकिन फिर भी देखो ये मानव कितना खुदगर्ज है।
सोचो तो इस धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है।

हमने वृक्ष काटकर धरती माँ को कितने घाव दिये।
बाँध बनाये, नदियाँ रोकीं, ताल तलैया पाट दिये।
अंधाधुंध गंदगी करके सोच रहे क्या हर्ज है।
सोचो तो इस धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है ।

घोर प्रदूषण करके हमने नदियां दूषित कर डालीं।
उद्योगों से धुंआ धुंआ कर वायु प्रदूषित कर डाली।
हम सबका व्यवहार वस्तुतः अब धरती का मर्ज है।
सोचो तो इस धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है ।

समय आ गया है धरती के जख्मों को भरना होगा।
वृक्ष लगाकर हरियाली से हरा भरा करना होगा।
वायु और जल स्वच्छ रखें अब यही हमारा फर्ज है।
सोचो तो इस धरती माँ का हम पर कितना कर्ज है ।

श्रीकृष्ण शुक्ल,
MMIG-69,
रामगंगा विहार,
मुरादाबाद ।
18.11.2017

39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भगवान की तलाश में इंसान
भगवान की तलाश में इंसान
Ram Krishan Rastogi
मैं तो महज वक्त हूँ
मैं तो महज वक्त हूँ
VINOD CHAUHAN
2490.पूर्णिका
2490.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
"जीत की कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कुरा ना सका आखिरी लम्हों में
मुस्कुरा ना सका आखिरी लम्हों में
Kunal Prashant
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
डॉ.सीमा अग्रवाल
महामारी एक प्रकोप
महामारी एक प्रकोप
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
बेड़ियाँ
बेड़ियाँ
Shaily
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
देते फल हैं सर्वदा , जग में संचित कर्म (कुंडलिया)
देते फल हैं सर्वदा , जग में संचित कर्म (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
Subhash Singhai
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
किसी दिन
किसी दिन
shabina. Naaz
पहले खंडहरों की दास्तान
पहले खंडहरों की दास्तान "शिलालेख" बताते थे। आने वाले कल में
*Author प्रणय प्रभात*
*हे!शारदे*
*हे!शारदे*
Dushyant Kumar
स्वतंत्रता की नारी
स्वतंत्रता की नारी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुरानी ज़ंजीर
पुरानी ज़ंजीर
Shekhar Chandra Mitra
!! शब्द !!
!! शब्द !!
Akash Yadav
सवाल जिंदगी के
सवाल जिंदगी के
Dr. Rajeev Jain
कोई साया
कोई साया
Dr fauzia Naseem shad
नारी
नारी
Bodhisatva kastooriya
💐प्रेम कौतुक-169💐
💐प्रेम कौतुक-169💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
gurudeenverma198
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
Rj Anand Prajapati
हिय  में  मेरे  बस  गये,  दशरथ - सुत   श्रीराम
हिय में मेरे बस गये, दशरथ - सुत श्रीराम
Anil Mishra Prahari
Loading...