पर्दानशीन रहते हैं तो देखेगा कौन..
पर्दानशीन रहते हैं तो देखेगा कौन..
अलमारी में बंद किताब को पढ़ेगा कौन..
जब साझा ही नहीं करोगे खैरियत अपनी,
तो दिल में छुपे दर्द को समझेगा कौन..
कुछ लम्हे तो निकालो बस खुद के लिए,
गैरों के लिए तो कब तक रहोगे मौन..
भारत मत सोचो कि कोई कहेगा क्या,
मतलबी लोग हैं परवाह करेगा कौन..
भारतेन्द्र शर्मा