परोपकार!
परोपकार!
आचार्य रामानंद मंडल।
एगो वित्त रहित महाविद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राम लाल महतो आ सचिव प्रो चतुरानन झा रहलन। समिति के बैठक के तैयारी चल रहल हय।
सचिव बोललन -बड़ा बाबू। डोनेशन वाला फाइल लाउ।
बड़ा बाबू -जी। फाइल।
सचिव बोललन -बताउ के सभ डोनेशन देले हतन।
बड़ा बाबू मिश्र जी बोललन -प्रोफेसर मे दस गोरे। कर्मचारी में दस गोरे।
सचिव -आरक्षित वाला सभ डोनेशन हमरा नाउ मे जाय दियौ।
तबे अध्यक्ष जी पधारलैन। छौ गो सदस्यो आ गेलन।
प्रबंध समिति के बैठक शुरू भेल।
सचिव बोललन -अध्यक्ष जी।हम एगो बेइमानी कैली हय। आरक्षित प्रोफेसर आ कर्मचारी के डोनेशन हम अपना नाम से क ले ली हय। अंहा जनबे करैय छी कि हम गरीब छी। बिना डोनेशन के हम सचिव त न रह सकी छी।कि प्राचार्य जी!हम ठीक क रहल छी न!
प्राचार्य अशरफ हसैन बोललन -जी। जी।
सभ सदस्य बोले लगलन -हं।हं।हं।
अध्यक्ष बोललन -सभ के तरफ से हं हय त हमरो तरफ से हं हय।इ कोनो गलत काज न हय। परोपकार मे त इ सभ चलबै करय छै।
अध्यक्ष महोदय के अनुसार आइ के बैठक समाप्त कैल जाइ हय।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।