परीक्षा तो खूब ली है _____ कविता
परीक्षा तो खूब ली है वक़्त ने मेरी।
परिणाम में भी हर बार करता रहा देरी।
न थकूंगा _ न हारूंगा _ न ही टा लूंगा।
आपदाएं चाहे आती रहे घनेरी ।।
हारने का ग़म नहीं_ कौन झूंठा कौन सही।
लगाता रहा मै हमेशा दर दर फैरी।।
किसी ने न मेरी मानी,सबने अपनी बखानी।
अब तो आ बैठा मै शरण स्वामी तेरी।।
राजेश व्यास अनुनय